एक अनछुए एहसास का वक्त कभी इख़्तियार न
किया था हमने ,
लोग कहते हैं हमे अब वो होने लगा है ,
है ,
आइना देख देख अब कोई मुस्कुराने लगा है ,साफ अश्को के छलकने में वो सफेदी न रही
कि मेरे अश्को संग उनका चेहरा बहने लगा है ,
हाँ .. मेरे इश्क का कारवां चलने लगा है .