Monday 23 May 2011

खोता वर्तमान

      अद्भुत है वह एहसास ... किसी सूनी जगह पर बैठकर कुछ न सोचते हुए बस देखना .हवा का सूं-सूं करके शरीर को छूकर निकलना .चिड़ियों के  चहचहाने  के बीच किसी कोयल की  कूक  सुनकर रोमांचित हो उठना ....पर  वर्तमान खोता जा रहा है .....आदत हो गई है मस्तिष्क को कुछ न कुछ खाते रहने की .
     मस्तिष्क के पास मोबाइल है, इंटरनेट है ,टीवी है .एक को छोड़ता है तो दूसरे में खो जाता है .लपकने की सी आदत हो गयी है दिमाग की .लपक -लपक कर झपटता रहता है .अस्थिर है .हर  पल बस कुछ न कुछ चलता रहता है ....हर पल दिमाग में कुछ तो चल रहा है ...यकीन नहीं होता ?? इस लेख को पढने से पहले क्या चल रहा था आपके  दिमाग में ?........और उससे पहले !......और उससे भी पहले !.....अद्भुत है न  .मनुष्य ये जानता है कि हजारों किलोमीटर दूर क्या घट  रहा है पर ये नहीं जानता  कि ठीक उसके आस -पास कुछ है जो प्रतिक्षण घट रहा है .कुछ तो है न .....देखो तो ज़रा अपना आस -पास शायद महीनो से उस कोने को निहारा नहीं है ,शायद वो सामने टंगी तस्वीर आज उतनी ही खूबसूरत लगे जितनी पहली बार लगी थी . कुछ तो है जो यहीं है ........
       सहिष्णुता ख़त्म हो रही है .व्यग्रता बढ़ रही है .छोटी से छोटी परेशानी में बस एक फ़ोन घुमाया और किसी न किसी का भावनात्मक सहारा मिल गया ...खुद उबर पाने की काबिलियत नहीं रही है अब .हर समय किसी और के वर्तमान में जी रहे  है .फ़ोन हो ,नेट पर चैटिंग हो या  और कुछ, खुद  के वर्तमान को छोड़कर न जाने कितने कोस दूर बैठे इंसान के वर्तमान में जी रहे  है .......या जीना चाहते हैं .........."मैं हूँ" कितना सुन्दर एहसास है ये .मेरी साँसे ... कितना अच्छा है खुद ही की साँसों को सुनना और समझना . मैं इस क्षण में हूँ .इस देह में .मेरी देह .........सच में....... सच में खो रहा है वर्तमान ....नहीं बचेगा यह.

5 comments:

दीपक 'मशाल' said...

Sabka yahi haal hai... sundar lekhan. badhaai

Unknown said...

सहिष्णुता ख़त्म हो रही है .व्यग्रता बढ़ रही है .


jai baba banaras.....

Neeraj Pareek said...

bahut sunder..bahut badiya...so real to everbody life specially to mine..

ZEAL said...

I agree with you . We need to seriously think in this direction. Beautiful post.

manasvinee mukul said...

aap sabhi ka is post ko pasand karne ke liye dhanyavad .mere liye yah prernadaayi hai.